Description
संस्कृत भाषा /व्याकरण सीखने से पूर्व महर्षि पाणिनी कृत वर्णोच्चारण शिक्षा अवश्य सीखना चाहिए। इस शिक्षा को सीख कर आप प्रत्येक वर्ण, शब्द , श्लोक और मंत्र का सही उच्चारण कर पाएंगे और सही एवं श्रेष्ठ परंपरा को आगे ले जा पायेंगे।
इस शिक्षा के बाद आप वेद के मंत्रों का भी शुद्ध उच्चारण कर पाएंगे। अष्टाध्यायी व्याकरण का हिंदी भाष्य, प्रथमावृत्ति को भी पढ़ने से पूर्व, वर्णोच्चारण शिक्षा का ज्ञान होना अनिवार्य है।